आज भारत में जिस तरह इंटरनेट का विस्तार हो रहा है, उसी तरह यहाँ साइबर लॉ की जरूरत भी महसूस की जाने लगी है। वास्तव में साइबर लॉ की जरूरत हर उस देश में महसूस की जा रही है जहाँ भी साइबर अपराध हो रहे हैं। ऐसे में ज्यादातर सभी विकासशील देशों जहाँ इंटरनेट अभी पूरी तरह से जड़ें जमा नहीं पाया है, वहाँ भी साइबर लॉ की जरुरत महसूस की जा रही है। साइबर अपराध को निपटाने और न्याय दिलाने के लिए इसके विशेषज्ञों की माँग लगातार बढ़ रही है। इसी जरुरत को ध्यान में रखते हुए साइबर लॉ से संबंधित पाठयक्रमों की शुरुआत अब ज्यादातर इंस्टीट्यूट में कर दी गई है। कहीं स्पेशलाइज्ड रूप में, तो कहीं एलएलबी के साथ इसकी पढ़ाई होती है।

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आए दिन साइट हैकिंग से लेकर ऑनलाइन बैंकिंग फ्रॉड अथवा साइबर बुलिंग एवं साइबर स्टाकिंग की खबरें सुनने को मिलती रहती हैं। यही है साइबर क्राइम और इन कामों को अँजाम देता है कम्प्यूटर तकनीक के जरिए एक हाइटेक अपराधी। इसे रोकने के लिए जरुरत होती है साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट की। एक ऐसा साइबर एक्सपर्ट जो हाइटेक अपराधी की तरह सोच सकता हो और साथ ही में कानून की भाषा का ज्ञाता भी हो। ऐसे साइबर एक्सपर्ट्स की मदद से साइबर क्राइम की रोकथाम की जा सकती है और साथ ही में आवश्यकता पड़ने पर पीड़ित को परामर्श देने का कार्य भी करता है।

सवाल यह उठता है कि आखिर में ‘साइबर क्राइम’ है क्या ? सरल शब्‍दों में हम कह सकते हैं कि साइबर अपराध गैरकानूनी कृत्‍य हैं जिसमें कंप्यूटर या तो एक उपकरण या लक्ष्य या दोनों है। साइबर अपराध पारंपारिक प्रकृति के होते हैं जैसे चोरी, धोखाधड़ी, जालसाजी, मानहानि और शरारत, जो भारतीय दंड संहिता के अधीन हैं। कंप्यूटर के दुरुपयोग ने भी आपराधिक गतिविधियों में समाविष्‍ट होकर नवयुगीन अपराधों के एक स्वर को जन्म दिया है जिन्‍हें सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, २००० एवं तत्पश्चात सूचना प्रोधोगिकी संशोधन २००८ द्वारा संबोधित किया जा रहा है।

पूरी दुनिया में साइबरस्पेस का अपना कानून है, जिसका उपयोग इंटरनेट के माध्यम से होने वाले अपराधों से निपटने के लिए किया जाता है। मशहूर कंप्यूटर सुरक्षा विशेषज्ञों, साइबर आतंकवाद गुरुओं और विशेषज्ञों का भी मानना है कि निकट भविष्य में साइबर लॉ विशेषज्ञों की बड़ी संख्या में भारत में जरूरत होगी। ऐसे में इस क्षेत्र में कोर्स करने वालों को सामने विश्व के सामने अपने काम के जरिए अपनी चमक बिखेरने का मौका होगा और वह भी लुभावनी सैलरी (तनख्वाह) पर। साइबर विशेषज्ञ किसी संस्थान से जुड़कर या फिर स्वतंत्र रूप से सलाहकार के रूप में काम करके भी कमाई कर सकते हैं जो कि एक उत्तम जरिया है अतिरिक्त कमाई का।

वैसे तो इन दिनों भारत के आई.टी. विशेषज्ञों का डंका पूरी दुनिया में बज रहा है, भले ही मंदी से यह कुछ घबड़ा भी गया था। लेकिन साइबर क्राइम से निपटने के जो भी प्रयास अब तक यहाँ हुए हैं, उन्हें पर्याप्त नहीं कहा जा सकता। आने वाले दिनों में जैसे-जैसे कंप्यूटर, मोबाइल फ़ोन और स्मार्टफोन पर हमारी निर्भरता और बढ़ती जाएगी, वैसे-वैसे इस तरह के क्राइम बढ़ने की आशंका भी बढ़ती जाएगी। ऐसे में उन एक्सपर्ट्स की आवश्यकता होगी जो इस नए तरह के अपराध से निपटने में माहिर हों।

दरअसल, सामान्य कानून और पुलिस इस तरह के अपराधों से निपटने में सक्षम नहीं है। ऐसी स्थिति में साइबर क्राइम से निपटने वाले माहिर खिलाड़ी वहीं होंगे, जो साइबर लॉ के विशेषज्ञ हों और साइबर क्रिमिनल्स की हाइटेक तकनीक को भी आसानी से भेदना जानते हों। इसलिए मानना पड़ेगा कि आने वाले दिनों में साइबर लॉ कोर्स किए हुए कैंडिडेट्स के लिए जॉब के अनगिनत अवसर पैदा होंगे।

साइबर लॉ विशेषज्ञों के अनुसार, साइबर लॉ करियर के लिहाज से आज एक बढ़िया विकल्प है। साइबर लॉ भविष्य में उज्जवल करियर विकल्प साबित हो सकता है। इसलिए लॉ, टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट, अकाउंट आदि क्षेत्रों से जुड़े छात्र या पेशेवर व्यक्ति भी यह कोर्स कर सकते हैं। यह क्षेत्र उनके लिए विशेष रूप से उपयोगी है, जिन्होंने पहले से लॉ कोर्स किया है। उन्हें लॉ के बेसिक्स नहीं पढ़ने होंगे, केवल साइबर क्राइम और इससे निपटने के तरीके सीखने होंगे।

Last updated on : December 8, 2014

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